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सुबह-सुबह का दृश्य |
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गेहूं |
नयी सुबह में नयी उमंग
हर्षित मन में नयी तरंग
अंधकार को दूर भगाती
एक नया विश्वास जगाती
आशाओं के नवदीप जलें
सुंदर -सुंदर पुष्प खिलें
इधर-उधर बिखरी है धूप
प्रकृति का अद्भुत रूप
पंछी उड़ते आसमान में
बढ़ा हौंसला है उड़ान में
चटक हुए जीवन के रंग
अपने रूप पर गोरी दंग
चमक बिखेरे अंशुमाली
मन लुभाती छवि निराली
पत्तों पर हैं ओस के मोती
दमक रही जीवन ज्योति
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सरसों |
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मूली (जिस पर फली लगती है) |
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बटन फूल(स्थानीय नाम) |
-वीरेंद्र सिंह
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात।🌻
सुप्रभात शिवम जी। हार्दिक धन्यवाद।
हटाएंप्रकृति के सौंदर्य को चहुँओर बिखेरता छोटी-छोटी पंक्तियों में समेटा गया सुंदर गीत रचा है वीरेंद्र जी आपने । अभिनंदन ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जितेन्द्र जी।
हटाएंप्रकृति के सुंदर छायाचित्रों के साथ एक मनोहारी कविता..मन मोह गई..हार्दिक शुभकामनाएँ..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जिज्ञासा जी।
हटाएंबढ़ा हौंसला है उड़ान में
जवाब देंहटाएंचटक हुए जीवन के रंग
अपने रूप पर गोरी दंग
चमक बिखेरे अंशुमाली
मन लुभाती छवि निराली
पत्तों पर हैं ओस के मोती
दमक रही जीवन ज्योति
सुंदर मनभावन चित्र एवं कविता का संकलन
धन्यवाद सधु जी।
हटाएंपत्तों पर हैं ओस के मोती
जवाब देंहटाएंदमक रही जीवन ज्योति
जीवन में आशा का संचार करती प्रकृति की सुन्दरता पर मनमोहक कृति ।
बहुत-बहुत धन्यवाद मीना जी। सादर।
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