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भोली-भाली सूरत तेरी.. |
भोली-भाली सूरत तेरी हिरनी जैसे नैन
देखकर गोरी तुझको हो गया हूँ बेचैन
तेरे लवों की सुर्खी दिल में आग लगाए
झड़ते हैं फूल गोरी जब-जब तु मुस्काए
तेरे हुस्न के जलवोंं ने ऐसी प्यास जगाई
हार के दिल अपना रातों की नींद गवाँयी
भर लूँ तुझको बाहों में आए मुझको चैन
देखकर गोरी तुझको हो गया हूँ बेचैन
भोली-भाली सूरत तेरी हिरनी जैसे नैन
देखकर गोरी तुझको हो गया हूँ बेचैन
सोनी सूरत वाली तेरी प्यारी-प्यारी बातें
कटने न दें दिन मेरे न कटने दें ये रातें
बता सकूँ न छुपा सकूँ ऐसा है मेरा हाल
एक बार तु देखले आके कैसा हूँ बेहाल
बस तेरे सपने आँखों में दिन हो या रैन
देखकर गोरी तुझको हो गया हूँ बैचेन
भोली-भाली सूरत तेरी हिरनी जैसे नैन
देखकर गोरी तुझको हो गया हूँ बेचैन
-वीरेंद्र सिंह
कविता भी लिखते हैं ये आज जाना 🙂
जवाब देंहटाएंजी कॉलिज के दिनों में इस तरह की पंक्तियाँ लिखी थी। सोचा ब्लॉग पर ही डाल दूं।
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